
देश हित में उठा आवाज़ भी देश द्रोही होता है।
आज 52 दिन हो गए
सोनम वांगचुक को जेल गए।
यह शख्स न मुस्लिम है, न पाकिस्तानी, न आतंकी, न वामपन्थी, खालिस्तानी, कांग्रेसी, राजदिया, सपाई। ये व्यक्ति गुंडा नही, अपराधी नही, गैंगस्टर नही।
पर यह जेल में है।
क्यो है?
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जो अपराधी है, वो संसद, विधानसभा, मंत्रालय में बैठे हैं। बंगलो में रहते, लाल बत्ती में घूमते है। लेकिन एक वैज्ञानिक, समाजसेवक, अहिसंक, प्रबुद्ध शख्स जेल में है।
यह हमारे समाज के बारे में कुछ कहता है। यह हमारी सोसायटी के बारे में एक सच कहता है। ऐसा सच जो मेरे आपके, हम सबके मुंह पर एक थूक की तरह है।
52 दिनों से देश मे कहीं, कोई आवाज सोनम के लिए नही उठी। नेता, पत्रकार, एक्टिविस्ट, वकील, लेखक, कवि, सोशल मीडिया पर लाइक्स बटोर रहे वॉरियर सबके मुंह इस थूक से लसलसे, घृणित औऱ बदबूदार दिख रहे हैं।
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उसने वोट चोरी की शिकायत नही की। वह सरकार उखाड़कर फेंकना नही चाहता। उसने सिर्फ एक मांग की..
6th शिड्यूल।
अपनी संस्कृति की रक्षा।
जो वादा, अपने घोषणा पत्र में लिख करके, सरकार सत्ता में आई थी। इस मांग को पूरा करवाना, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। सोनम पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगा है।
कोई दलील नहीं। अपील नही।
कोर्ट नही, सुनवाई नहीं।
52 दिन।
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हम सबको, हम सबकी
सामूहिक लानत है