
सफलता “मिलती” नहीं — उगती है
✦ 𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 𝕋𝕙𝕖 𝕌𝕟𝕚𝕧𝕖𝕣𝕤𝕒𝕝 𝕍𝕚𝕤𝕚𝕠𝕟 𝕠𝕗 ℂ𝕠𝕟𝕤𝕔𝕚𝕠𝕦𝕤𝕟𝕖𝕤𝕤 ·
1️⃣ सफलता “मिलती” नहीं — उगती है
मनुष्य जीवन-भर सफलता के पीछे दौड़ता है,
लेकिन सफल वही होता है
जिसने कभी बीज बोया था।
आज जो फल दिखाई देता है,
वह आज के कर्म का परिणाम नहीं होता,
वह किसी पुराने कर्म का पकना है।
फल तत्काल नहीं होता —
बीज, समय, पानी, धूप — सब लगता है।
2️⃣ गीता का “फल छोड़ो” कहने का अर्थ
गीता यह नहीं कहती कि फल नहीं मिलेगा।
गीता यह कहती है:
> फल निश्चित है — इसलिए उसकी चिंता छोड़ो।
अगर बीज डाला गया है,
तो फल अपने समय पर आएगा ही।
फल पर ध्यान टिकेगा
तो कर्म छोटा हो जाएगा।
इसलिए गीता कहती है:
कर्म प्रधान बनो, फल प्रधान नहीं।
3️⃣ “आज ही फल चाहिए” — निम्न कर्म की मानसिकता
जो सोचता है—
> “मैं वही करूंगा जिससे तुरंत कुछ मिले”
वह कर्म तो करेगा,
लेकिन उसका भाग्य छोटा बनेगा।
आज मजदूरी की — आज ही पैसे मिल गए —
यह भी फल है, लेकिन छोटा फल।
सेब का पेड़ लगाया —
तुरंत कुछ नहीं मिलेगा,
पर जब मिलेगा, पीढ़ियाँ खाएँगी।
4️⃣ जो बड़ी सफलता दिखती है, वह आज का कर्म नहीं
आज जो कोई “अचानक” सफल दिखता है —
असल में उसने पहले:
बीज डाले थे
सहन किया था
प्रतीक्षा की थी
बीच-बीच में सींचा था
इसलिए आज उसे सहज लगता है।
कोई भी बड़ा फल आज बोए गए बीज से नहीं आता
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5️⃣ धार्मिक बाज़ार और झूठे तर्क
जो लोग कहते हैं—
मंत्र जपो — सफल हो जाओ
तीर्थ जाओ — धन आएगा
गुरु पकड़ो — करियर बन जाएगा
अगर यह सच होता
तो गीता, वेद, उपनिषद की ज़रूरत ही नहीं थी।
आध्यात्म कोई ATM नहीं है।
6️⃣ गीता का “फल” — पैसे या सफलता नहीं
यह सबसे बड़ा भ्रम है।
गीता जिस फल की बात करती है,
वह आध्यात्मिक फल है:
रूपांतरण
बोध
स्थिरता
मुक्ति
समाधि
यह कोई नगद सफलता नहीं है।
जो बदला नहीं,
लेकिन कुछ पा लिया — वह सफल नहीं,
वह सिर्फ़ सुविधासंपन्न है।
7️⃣ बिना बोध की सफलता = विकृति
अगर बच्चा बोले —
> “मैं जल्दी जवान बनना चाहता हूँ”
और ज़बरदस्ती शरीर, शक्ति, भोग बढ़ाए —
तो वह विकास नहीं, विकृति होगी।
वैसे ही — बिना चेतना की सफलता
मनुष्य को तोड़ देती है।
8️⃣ अंतिम सूत्र (गीता का सार)
✅ फल की भूख छोड़ो
✅ कर्म की गुणवत्ता बढ़ाओ
✅ समय को स्वीकारो
✅ परिवर्तन को प्राथमिकता दो
कर्म यदि ऊँचा होगा —
फल खुद ऊँचा होगा।
फल माँगना छोटे कर्म की पहचान है,
कर्म में डूब जाना
महान भाग्य की रचना है।
✦ 𝕍𝕖𝕕𝕒𝕟𝕥𝕒 𝟚.𝟘 𝕋𝕙𝕖 𝕌𝕟𝕚𝕧𝕖𝕣𝕤𝕒𝕝 𝕍𝕚𝕤𝕚𝕠𝕟 𝕠𝕗 ℂ𝕠𝕟𝕤𝕔𝕚𝕠𝕦𝕤𝕟𝕖𝕤𝕤 · वेदान्त २.० — चेतना का वैश्विक दृष्टिकोण — 🙏🌸 𝔸𝕘𝕪𝕒𝕥 𝔸𝕘𝕪𝕒𝕟𝕚
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