
महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मिली धमकी।
दिनांक:-24-10-2025 का ये अपने X अकाउंट से शेयर किए थे। उन्होंने कहा था कि "कल भी मुझे धमकी प्राप्त हुई थी और आज मुझे पाकिस्तान की एक महिला द्वारा भी धमकी दी गई है ऑडियो रिकॉर्डिंग मेरे पास है जिसमें वहां अनेक प्रकार की गाली-गलौज कर रही है तथा धमकी दे रही है.
तत्काल कार्रवाई करने एवं सुरक्षा संबंधित दिशा निर्देश जारी की करने की कृपा करें".
दिनांक:- 21-11-2025 को उन्होंने X पर शेयर किया और कहा कि "मैं अपने परिवार के साथ इंडिया गेट से लाजपत नगर की ओर जा रहा हूं तो यह गाड़ी में कुछ तीन-चार मुस्लिम आदमी बैठे हुए हैं जो मुझे वह मेरे परिवार को धमका रहे हैं तथा जान से मारने की धमकी दे रहे हैं.
मैंने पुलिस को फोन करने की उन्हें बात की तो वह मेरे से आगे निकल गए."
दिनांक:_ 01-12-2025 को उन्होंने X पर शेयर किया था और कहा कि "बांदा से मध्य प्रदेश के बीच में कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने मेरी कर पर हमला किया जिससे कर के आगे का शीशा टूट गया.
अतः आग्रह है कि दिल्ली पुलिस तथा उत्तर प्रदेश पुलिस संबंधित मामले पर ध्यान दें तथा मेरे सुरक्षा को लेकर आदेश जारी करें क्योंकि इस पूर्व में भी कई घटनाएं हो चुकी है"
ये धमकियां किसी और को नहीं बल्कि महाराणा प्रताप सेना के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजवर्धन सिंह परमार को मिली हैं। इसपर शासन - प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है नाही कोई कार्रवाई की गई है नाही उनको व उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराया गया है। उनको धमकी मिलना आम बात हो गई है। कभी नेशनल मिल रही हैं तो कभी विदेशी मिल रही हैं। ये बहुत ही दुखद है। इस विषय पर महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय सचिव बसंत लाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और गृहमंत्री श्री अमित शाह जी से अपिल करते हुए कहा है कि महाराणा प्रताप सेना के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को z प्लस सुरक्षा देने की कृपा करें। क्योंकि उनको हर महीने तकरीबन धमकियां मिल रही हैं कभी रास्ते में तो कभी फोन पर तो कभी ह्वाट्सएप पर तो कभी गाड़ी पर हमला किया जा रहा है। ये हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस पर उन्होंने दिल्ली पुलिस प्रशासन व उत्तर पुलिस प्रशासन से अपिल की है कि जल्द से जल्द ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगाया जाय। उन्होंने कहा है कि जिस मिशन पर हम काम कर रहे हैं वह संवैधानिक लड़ाई है। "अजमेर दरगाह नहीं वह हमारा पवित्र हिन्दू मंदिर है " जिसको आपत्ति है वह कानूनी लड़ाई लड़ें। भारतीय संविधान सबको अपनी बात कहने की आजादी देता है।