
बनारस-खजुराहो वंदेभारत का संचालन शुरू, आधी खाली गई ट्रेन
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल ही में हरी झंडी दिखाने के बाद मंगलवार से बनारस-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस का नियमित संचालन शुरू हो गया। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन से बनारस और मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई दिशा देने की उम्मीद है।
पहले ही दिन ट्रेन में यात्रियों की संख्या उम्मीद से कम रही। बनारस से खजुराहो के लिए रवाना हुई ट्रेन में मात्र 52 यात्री सवार थे। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे लोगों को ट्रेन के संचालन की जानकारी होगी, यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
बनारस से खजुराहो जाने वाली 26506 वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 5:15 बजे बनारस स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 8 से रवाना हुई। यह ट्रेन कैंट स्टेशन पर नहीं रुकी, जिससे स्थानीय यात्रियों में सवाल उठने लगे हैं। कई यात्रियों का कहना है कि कैंट स्टेशन से चित्रकूट या विंध्याचल जाने वाली ट्रेनों की संख्या पहले से ही सीमित है, ऐसे में इस स्टेशन पर ठहराव न होना यात्रियों के लिए असुविधाजनक साबित हो सकता है। हालांकि इस संबंध में रेल अधिकारी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
ट्रेन अपने तय मार्ग पर विंध्याचल, प्रयागराज छिवकी, चित्रकूट धाम कर्वी, बांदा और महोबा होते हुए दोपहर 1:10 बजे खजुराहो पहुंची। वापसी यात्रा के दौरान यह ट्रेन दोपहर 3:20 बजे खजुराहो से रवाना हुई। रेलवे का मानना है कि इस नई वंदे भारत सेवा से पूर्वांचल और बुंदेलखंड के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी। विंध्याचल, चित्रकूट और खजुराहो जैसे धार्मिक स्थलों से लेकर प्रयागराज तक यह ट्रेन एक तरह से “तीर्थ एक्सप्रेस” की भूमिका निभा सकती है।
अधिकारियों का कहना है कि यह रूट पर्यटन की दृष्टि से बेहद संभावनाशील है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे श्रद्धालु, पर्यटक और व्यापारी समुदाय इस ट्रेन की सुविधा से परिचित होंगे, यह सेवा क्षेत्र के आर्थिक विकास और पर्यटन को नई ऊंचाई तक ले जाएगी।