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विदेशी कलाकारों के दमखम पर कोटा में खेल दिखाएगा ग्रेट गोल्डन सर्कस - पशु पक्षियों का कोई आइटम नहीं होगा - 102 कलाकारो

विदेशी कलाकारों के दमखम पर कोटा में खेल दिखाएगा ग्रेट गोल्डन सर्कस
- पशु पक्षियों का कोई आइटम नहीं होगा
- 102 कलाकारों से सर्कस होगा गुलजार

(जिला मीडिया प्रभारी)
कोटा। राष्ट्रीय मेला दशहरा में आएं सर्कस में ऐसी कला का संगम होगा की लोग दांतों तले उंगली दबा लेंगे। कोटा में पहली बार साउथ अफ्रीका के कलाकर आ रहे हैं, जो अपनी जिमनास्टिक की कला से लोगों का भरपूर मनोरंजन करेंगे। सर्कस मालिक अनवर खान का कहना है कि देश में यह सर्कस सबसे बेहतरीन है, जहां झूले पर कलाबाजी दिखाई देगी, जोकरों का आनंद होगा, हंसी मजाक होगी वहीं हैरतंगेज करतब लोगों को रोमांचित करगें। अनवर खान ने बताया कि वह और उनका परिवार पिछले 50 से ज्यादा वर्षों से सर्कस का आयोजन करते आ रहे हैं उनके पिता भी सर्कस के कलाकार थे। पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं अनवर खान अब ग्रेट गोल्डन सर्कस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अनवर गुजरात के राजकोट शहर के रहने वाले हैं।

- 102 कलाकारों से सर्कस होगा गुलजार :
कोटा में लगने वाला ग्रेड गोल्डन सर्कस इस बार नए अंदाज में होगा। ये सर्कस यहां 25 साल बाद आया है। इसमें नेपाल, बंगाल, असम, मणिपुर के कलाकार भी अपनी कला कौशल से दर्शकों को मोहित करेंगे। कुल स्टॉफ 102 लोगों का रहेगा। यहां एक बार में 2000 लोग सर्कस को देख सकेंगे। तीन शो में ये आयोजित किया जाएगा। साथ ही आर्मी व कोचिंग स्टूडेंट के लिए अलग से शो आयोजित होंगे। 100, 200, 300 और 400 रुपए के टिकट होंगे। यहां तैयारियां जोरो पर चल रही है, सामान आ रहा है, टेंट तैयार हो रहा है।

- एक साइकिल पर दिखेंगे कई लोग
उन्होंने बताया कि सर्कस में इस बार पशु पक्षियों का कोई आइटम नहीं होगा। यहां विदेशी कलाकारों द्वारा साइकिल पर एक से बढकर एक करतब दिखाएंगे। इसके साथ ही आसमान पर अहराते कलाकार भी आकर्षण का केन्द्र होंगे। इस सर्कस में जो कलाकारी दिखाई जाएगी ऐसी किसी ने पहले नहीं देखी होगी।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से देश भर के सभी 23 सर्कसों में हाथियों के रखने की मान्यता रद्द कर दी गई है। इसके साथ ही हाथियों द्वारा दिखाए जाने वाले करतब पूरी तरह प्रतिबंधित हो गया है।

पूर्व में भालू, बंदर, शेर, तेंदुआ और बाघों पर प्रतिबंध लगा
इससे पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 1998 में सभी सर्कसों से अन्य जानवरों भालू, बंदर, शेर, तेंदुआ और बाघों को हटाने के लिए अधिसूचना जारी किया था। इस अधिसूचना के बाद प्राधिकरण ने 1999-2001 के दौरान अलग-अलग राज्यों के सर्कसों से 375 बाघों, 96 शेरों, 21 तेंदुओं, 37 भालुओं और 20 बंदरों को निकाला। इन जानवरों के लिए सात केंद्र की स्थापना की गई, जिसमें इनके जीवन भर देखभाल करने की व्यवस्था की गयी। ये केंद्र जयपुर, भोपाल, चेन्नई, विशाखापट्टनम, तिरुपति, बेंगलुरु और साउथ खैराबाड़ी बनाए गए।

- इन सर्कसों की मान्यता रद्द
प्राधिकरण ने ग्रेट रॉयल, राइनो, मूनलाइट, राजकमल, फेमस, ओलंपिक, ग्रेट जेमिनी, जंबो, जेमिनी, अपोलो, ग्रेट गोल्डन, अजंता, नटराज, कोहिनूर, एंपायर, ग्रेट रामायण, ग्रेट बांबे, ग्रेट अपोलो, राजमहल, जमुना, अमर, रैंबो और एसियाड सर्कस की मान्यता रद्द की है।

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