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सामूहिक हवन और कन्या भोज के साथ सप्त दिवसीय भागवत कथा का हुआ समापन। सीतापुर किवानी नदी के तट पर स्थित हनुमान मंदिर पर

सामूहिक हवन और कन्या भोज के साथ सप्त दिवसीय भागवत कथा का हुआ समापन।

सीतापुर किवानी नदी के तट पर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में भगवान बामन के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में अंतिम दिवस की बेला में भागवत महापुराण की कथा सुनाते हुए ब्यास आशुतोष त्रिपाठी ने भगवान कृष्ण के 16108 विवाह कैसे हुए उन पर विस्तार पूर्वक व्याख्यान किया।भगवान कृष्ण ने 16100 राज कन्याओं को जो भस्मासुर के राजभवन में कैद थी। उन कन्याओं को मुक्त कराया जिनको दुनिया में कोई आश्रय देने वाला नहीं था। लोग उनका उपहास करते हंसी उड़ाते और वे आत्महत्या कर लेती ऐसी राज्य कन्याओं को भगवान कृष्ण ने आश्रय दिया जोकि बहुत बड़ा सामाजिक कार्य था। कृष्ण सुदामा की मित्रता परविस्तार से वर्णन किया।
कलयुग का वर्णन करते हुए बताया राज्य सत्ता शोषक होगी। गोवंश समाप्त हो जाएगा। नदियां जल से सूनी हो जाएंगी,वृक्ष फल नहीं देंगे। बड़ा अनाचार पापा चार दुराचार पृथ्वी पर फैल जाएगा फिर आगे भगवान बुद्ध का अवतार होगा उसके उपरांत भगवान कल्कि का जो अन्याय अत्याचारयों का अंत करेंगे।दुष्टों का दमन करेंगे अधर्म का नाश करेंगे शांति और धर्म की स्थापना करेगे।
परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते हुए कथा को विराम दिया गया। सामूहिक
हवन और कन्या भोज के साथ सप्त दिवसीय भागवत कथा कार्यक्रम का समापन किया गया। ॠषभ , धनंजय,दिनेश गुप्ता, लालता पटेल,मयाराम बाबा,अस्वनी पटेल, मिश्रा ,अनूप, उत्तम, नत्थाराम ,दिनेश मिश्रा , रवि सैनी, प्रताप नारायण मिश्र, जितेंद्र कुमार,ज्ञानेंद्र मिश्रा, मोलहे राम,रितिक मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।

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