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नोनीहाट! 160 वर वधू का कन्यादान महोत्सव मनाया गया | रामगढ़ प्रखंड में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय आदिम ज

नोनीहाट!
160 वर वधू का कन्यादान महोत्सव मनाया गया |
रामगढ़ प्रखंड में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय आदिम जनजाति उत्थान समिति केंद्रीय उप समिति दुमका के तत्वाधान में कुल 160 जोड़ो वर वधु का कन्यादान विवाह महोत्सव का आयोजन प्रखंड कार्यालय परिसर मैं आयोजित की गई। महाराष्ट्र के ठाणे से आए मुख्य अतिथि मनोज कुमार सिंह ने अपने अभिभाषण में आदिवासी को मूलवासी बताते हुए जल जंगल जमीन की रक्षा करना ही इनका परम धर्म एवं उद्देश्य है। मनोज कुमार सिंह अखिल भारतीय पहाड़िया समाज उत्थान समिति को विकसित करने के लिए उन्होंने अपने जीवन को अर्पित कर दिया है। संघर्षमय जीवन काल में पहाड़ियों के उत्थान के लिए उनकी समस्याओं का निराकरण के लिए उन्हें असाध्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जेल जाना पड़ा फिर भी उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। आज भी उन्होंने अपने आशीर्वचन के रूप में कन्याओं को शिक्षित होने का आशीर्वचन दिया। उनके भावी संतान को शिक्षा की ओर प्रेरित करने का आज के कन्यादान योजना के तहत वर वधू को भविष्य में अपने होने वाले संतान को शिक्षित बनाने का अनुरोध किया है। प्रत्येक वर वधु को आशीर्वचन के साथ आज के दिन प्रत्येक वर वधु को एक-एक पौधा लगाने का संकल्प लेने का निर्णय लिया।
61 जोड़ी वर वधु कन्यादान में पहाड़िया समुदाय के 15 जोड़ी आदिवासी समुदाय के 20 जोड़ी हरिजन पिछड़ी जाति के 26 जोड़ी कन्याओं का कन्यादान प्रखंड विकास पदाधिकारी कमलेंद्र कुमार सिन्हा के कर कमलों द्वारा संपन्न किया गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी कमलेंद्र कुमार सिन्हा ने वर वधु को आशीर्वाद देते हुए कहा सुदूरवर्ती इलाकों में रहकर जल जंगल जमीन की रक्षा कर रहा है यह बड़े ही गौरव की बात है। प्रकृति की धरोहर को संजोए रखने में पहाड़िया समुदाय की अहम भूमिका है।
जिला परिषद उपाध्यक्ष सुधीर मंडल ने अपने अभिभाषण एवं आशीर्वचन के रूप में वर वधु को आशीर्वाद देते हुए कहा पहाड़िया समाज के उत्थान के लिए सरकार कृत संकल्प हैं। प्रकृति की धरोहर को संजोए रखने वाला पहाड़िया आदिम जनजाति ही हैं आज अगर पर्यावरण की शुद्धता की जा रही है तो वह पहाड़िया समाज के कारण ही। करते पहाड़िया परिवार को अपने जीवन काल में हर व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ लगाने अनुरोध किया। पहाड़िया समाज विलुप्त कगार पर होने का कारण अशिक्षा है। सरकार हर संभव पहाड़िया परिवार के लोगों को शिक्षित करने के लिए निशुल्क शिक्षा का प्रावधान कर रखा है।सरकार पहाड़िया समुदाय के उत्थान के लिए नए-नए योजनाओं एवं विकसित समाज के रूप में उभारने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
परंतु अशिक्षा के कारण पहाड़िया समाज के लोग आज भी सरकार द्वारा प्रदत सारी सुविधाओं का लाभ उठा नहीं पा रहे हैं मुख्य कारण अशिक्षा है।

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