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महाराणा प्रताप शौर्य एवं वीरता के प्रतीक थे : अनूप महाराज हरदोई। जनपद हरदोई के ग्राम असलापुर में महाराणा प्रताप की जय

महाराणा प्रताप शौर्य एवं वीरता के प्रतीक थे : अनूप महाराज

हरदोई। जनपद हरदोई के ग्राम असलापुर में महाराणा प्रताप की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई इस अवसर पर क्रांतिकारी गरीब सेवा फाउंडेशन के राष्ट्रीय महासचिव, अखिल भारतीय युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री, सरहद से समाज तक संस्था के सदस्य सुप्रसिद्ध कथावाचक अनूप ठाकुर महाराज ने अपने साथियों के साथ केक काटकर वह दीप जलाकर एवं महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जय महाराणा के नारों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया ठाकुर महाराज ने कहा कि महाराणा प्रताप जी शौर्य एवं वीरता के प्रतीक थे महाराज जी ने कहा कि यदि महाराणा प्रताप न होते तो हिंन्दुस्तान भी न होता,
राजस्थान के वीर सपूत, महान योद्धा और अद्भुत शौर्य व साहस के प्रतीक महाराणा प्रताप का जन्म महाराजा उदय सिंह एवं माता राणी जीवत कंवर के घर में 09 मई 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था, राजा महाराणा प्रताप के पास चेतक नाम का एक घोड़ा था जो उन्हें सबसे प्रिय था प्रताप की वीरता की कहानियों में चेतक का अपना स्थान है उसकी फुर्ती रफ्तार और बहादुरी की कई लड़ाइयां जीतने में अहम भूमिका रही हल्दीघाटी युद्ध इसका प्रमाण है! रणबीच चौकड़ी भर भर कर , चेतक बन गया निराला था!

●राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हावा का पाला था!!●
●चढ़ चेतक पर तलवार उठा करता था भूतल पानी को!●
●राणा प्रताप सर काट काट करता था सफल जवानी को!!●

वीर शायरी सुनाकर खूब तालियां बटोरी, इस अवसर पर आलोक अवस्थी,सूरज त्रिवेदी, अनमोल मिश्रा, ठाकुर राकेश सिंह, अशोक सिंह, ठाकुर अनिल सिंह "मुन्ना" अभिषेक सिंह चौहान, आदेश सिंह, अर्पित सिंह, ठाकुर अभिषेक प्रताप सिंह, ठाकुर शोभित सिंह, ठाकुर चंचल सिंह, ठाकुर शिवम सिंह, जीतेन्द्र सिंह, अंशू सिंह, विश्वजीत सिंह, रवि सिंह तुषार सिंह, शनि प्रताप सिंह चौहान, आदर्श सिंह सोमवंशी, वीर सिंह, दिनेशपाल सिंह राठौड़, सर्वेन्द महाराज, भरत प्रताप सिंह, सूरज सिंह सोमवंशी मोनू सिंह सोमवंशी, सत्यम सिंह, कुलदीप सिंह सोमवंशी, कुलदीप कुशवाहा, समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहें!

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