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शिक्षकों को 15% के बदले 12% वेतन वृद्धि का लाभ मिलने पर शिक्षक संघ ने किया विरोध नालंदा(बिहार)।   शिक्षा वि

शिक्षकों को 15% के बदले 12% वेतन वृद्धि का लाभ मिलने पर शिक्षक संघ ने किया विरोध

नालंदा(बिहार)।   शिक्षा विभाग के मनमाने आदेश के कारण प्रत्येक वर्ष जुलाई माह में वेतन वृद्धि प्राप्त करने वाले शिक्षकों को 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के बाद भी शिक्षकों के वेतनमान का वास्तविक स्वरूप अब तक नही मिलने पर परिवर्तनकारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने दुखद बताते हुए आपत्ति व्यक्त की है और छह माह तक वेतन वृद्धि के लिए शिक्षकों को इंतजार करने के लिए विवश करने को शिक्षा विभाग की मनमानी करार दिया है।उक्त बात की जानकारी परिवर्तनकारी प्रारम्भिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार ने प्रेस बयान में कहे है।उन्होंने कहा है कि सभी शिक्षकों को प्रत्येक वर्ष 03 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि मिलती है ।राज्य सरकार ने 01 अप्रैल 2021 के प्रभाव से सभी शिक्षकों को 15 फीसदी वेतन वृद्धि का लाभ देने की घोषणा की है ,किंतु जिन शिक्षकों ने जुलाई में 03 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि प्राप्त कर लिया,उनके द्वारा वेतन वृद्धि के फलस्वरूप प्राप्त किए गए वेतन को उसी 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि में सामंजित किया जा रहा है और इनके वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि जनवरी 2022 के लिए निर्धारित की जा रही है। इससे 15 फीसदी के बदले शिक्षकों को मात्र 12 फीसदी की वेतन वृद्धि का लाभ मिल  रहा है।उन्होंने कहा कि संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्राथमिक शिक्षा निदेशक और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों के वेतन वृद्धि की तिथि जुलाई को ही अक्षुण्ण रखने की मांग की है । उन्होंने कहा है कि सरकार ने जिस 15 फीसदी वेतन वृद्धि की घोषणा की है वह वेतन संरचना में सुधार के दृष्टिकोण से है । इस वेतन वृद्धि के बाद भी शिक्षकों को वेतनमान का वास्तविक स्वरूप नहीं मिल पा रहा है । वैसी स्थिति में इस वेतन वृद्धि को वित्तीय उन्नयन या प्रोन्नति नहीं माना जा सकता और इसके आधार पर छह माह तक वेतन वृद्धि के लिए शिक्षकों को इंतजार करने के लिए विवश करना शिक्षा विभाग की मनमानी है। इसलिए शिक्षकों के इस वेतन वृद्धि के नियम संशोधन कर मूल वेतन में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ दें।उन्होंने कहा कि अगर शिक्षकों को 15 प्रतिशत का वेतन वृद्धि का पूर्ण रूप से नही मिला तो इसके खिलाफ संघ पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगा।नराजगी व्यक्त करने वाले में सचिव सुनील कुमार, महासचिव मो0 इरफान मल्लिक, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार,उपाध्यक्ष सुनैना कुमारी, सूचित कुमार,पंकज कुमार, संयुक्त सचिव शशिकांत कु0 वर्मा,अति उतम कुमार,भोली कुमारी,संयोजक प्रकाशचंद्र,सूरज चौहान,रविरंजन कुमार, रौशन कुमार, दिबसम्बल उर्फ बंटी सहित कई शिक्षक शामिल है।

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