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गया सदर अनुमंडल में अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से कालाबाजारी करने वालों को बचाने का चल रहा है खेल। बोधगया। &n

गया सदर अनुमंडल में अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से कालाबाजारी करने वालों को बचाने का चल रहा है खेल।
बोधगया।
  गया सदर अनुमंडल में इन दिनों राशन अधिकारियों व डीलिंग क्लर्कों की मिलीभगत से कालाबाजारी के आरोपी डीलरों को बचाने का अनोखा खेल चल रहा है। ताजा मामला बोधगया प्रखंड से सामने आया है। सार्वजनिक वितरण दुकानदार सुदामा पासवान को 10 अक्टूबर 2021 को अनियमितताओं के लिए रद्द कर दिया गया था।  इसके बाद उक्त डीलर को पंचायत के एक अन्य डीलर जितेंद्र कुमार के साथ टैग कर दिया गया।  उन्होंने कार्यालय में मशीन में अंकित 419 क्विंटल खाद्यान्न नहीं मिलने की शिकायत की। अनाज नहीं मिलने पर लाभार्थियों ने हंगामा भी किया।  इसके बावजूद रद्द किए गए डीलर सुदामा पासवान के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।

  मामला 2:- 
  प्रखंड आपूर्ति अधिकारी बोधगया द्वारा 10 नवंबर को नगर पंचायत के वार्ड संख्या 9 के जन वितरण दुकानदार उमेश मांझी की दुकान की जांच में विक्रेता की पत्नी द्वारा दुकान का स्टॉक दिखाया गया.  पीओएस मशीन में 168 क्विंटल अनाज रखा जाना चाहिए था।  जबकि भौतिक रूप से अनाज की एक बूंद भी नहीं मिली।

  इस मामले में भी आपूर्ति अधिकारी की रिपोर्ट के बावजूद संबंधित डीलर के खिलाफ कालाबाजारी में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. संबंधित डीलर से दो बार स्पष्टीकरण मांगा गया। डीलर ने दोनों बार जवाब देना उचित नहीं समझा, जिसके बाद 6 जनवरी 22 उमेश मांझी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया।

  *अनुमंडल अधिकारी का आदेश है हास्यास्पद*

  बोधगया नगर पंचायत के सार्वजनिक वितरण दुकानदार उमेश मांझी का लाइसेंस रद्द करने वाले अनुमंडल पदाधिकारी का पत्र हास्यास्पद लगता है.  इसमें उन्होंने बोधगया आपूर्ति अधिकारी को अपनी उपस्थिति में शेष खाद्यान्न वितरित करने का निर्देश दिया है.  बोधगया एमओ द्वारा जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि डीलर के स्टॉक के अनुसार खाद्यान्न का भंडारण नहीं किया जा रहा है.

 क्या है नियम :-
  सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 के नियमों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यदि डीलर के व्यवसाय स्थल में स्टॉक के अनुसार खाद्यान्न उपलब्ध नहीं है, तो इसे कालाबाजारी मानकर संबंधित डीलर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर प्रमाण पत्र बनाया जाता है।  अनुपलब्ध खाद्यान्न की समान राशि की वसूली का मामला।

  सदर अनुमंडल में बोधगया के डीलिंग लिपिक एवं आपूर्ति अधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी को झांसा देकर नियमों के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।  लेकिन बोधगया में इस तरह के आरोप लगने पर डीलरों को मनचाहा समय दिया जाता है और बदले में आरोपी डीलरों से अवैध वसूली का आरोप लगाया जाता है।

  *सरकारी नियमों और कानूनों को तोड़ना है तो बोधगया एमओ और डीलिंग क्लर्क से सीखें*

  बोधगया प्रखंड में नियम-कायदों की अनदेखी कर अनाज जमा करने के लिए पिछले 3 माह से पत्र भेजकर कालाबाजारी करने वालों को बेवजह मदद की जा रही है। जिस कारण डीलरों का रवैया लाभुकों के प्रति उदासीन है। लाभुकों को डीलर द्वारा कम अनाज देने या हर महीने अनाज नहीं दिए जाने पर कंप्लेन करने पर भी अधिकारी द्वारा कार्रवाई करने का डर नहीं रह।

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