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रांची। पूर्व सीएम और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप राज्य सरक

रांची। पूर्व सीएम और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य में नयी सरकार से लोगों को उम्मीदें थीं कि वह कुछ बेहतर करेगी। पर हालात बेहद भयावह होते जा रहे हैं। खासकर कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर। जबसे राज्य में यूपीए गठबंधन की सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी है, लॉ एंड आर्डर बिगड़ता ही गया है। राज्य में उग्रवादी समानांतर सरकार चला रहे हैं। ऐसा लगता ही नहीं कि राज्य में हेमंत और पुलिस प्रशासन का राज है। सरकार माओवादियों के आगे बेबस, लाचार दिख रही। उसके सामने सरेंडर कर दिया है। चक्रधरपुर में पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला इसी का ताजा उदाहरण है।बाबूलाल ने कहा कि पूर्व विधायक के घर से महज एक-डेढ किमी की दूरी पर ही घटनास्थल था जहां माओवादियों ने हमला किया। 4 जनवरी को शाम 5.30-6.00 के बीच हुए इस हमले के दौरान दो जवानों की गला रेतकर नृशंस हत्या कर दी। एक को जख्मी कर दिया। इसके बाद 15 घंटे तक चक्रधरपुर, सोनुआ या आसपास की कोई और पुलिस भय से घटनास्थल पर नहीं पहुंची। अपने ही पुलिस जवान साथी का शव उठाने में पुलिस की पैंट गीली हो गयी. जानकारी मिलने पर वे 5 जनवरी को चक्रधरपुर के लिए निकले। हालांकि स्थानीय प्रशासन सहयोग करने के मुड में नहीं था। यही वजह रही कि उन्हें बीच रास्ते में रोका गया। उन्होंने प्रशासन से कहा कि दिन के उजाले में उन्हें घटनास्थल तक नहीं जाने देने से देशभर में झारखंड को लेकर गलत छवि बनेगी। इसके बाद दो घंटे के इंतजार के बाद डीसी ने एसपी से बात कर उन्हें गुरूचरण के पास उनके गांव जाने दिया। वहां भी पता लगा कि पिछले कुछ माह से माओवादी, नक्सली लगातार भय का माहौल बना रहे हैं। खुलेआम हथियार लेकर दिनदहाड़े सड़कों पर घुमते हैं। सिमडेगा में एक ग्रामीण की हत्या होने के 24 घंटे बाद भी एक की भी गिरफ्तारी नहीं होना सवाल है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह डरपोक पुलिस पदाधिकारियों की पोस्टिंग ऐसे इलाकों में ना करे। हेमंत सरकार भी बताए कि वे नक्सलियों, अपराधियों से घिरे हुए हैं या डरे हुए हैं।पंजाब में पीएम मोदी के काफिले के साथ हुई घटना पर बाबूलाल ने नाराजगी जतायी। इसमें पंजाब सरकार के साथ साथ समुची कांग्रेस को भी दोषी बताया। कहा कि पंजाब सरकार ने छोटा मोटा अपराध नहीं किया है। यह अक्षम्य है। राजनीति में विरोध का महत्व और स्थान है पर देश के पीएम के साथ इस तरह की हरकत कतई स्वीकार्य नहीं। पंजाब सरकार पूरे मामले में दोषियों की पहचान कर सजा दिलाए अन्यथा इसमें उसकी भी भागीदारी मानी जायेगी।

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