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खुले आम हो रहा पशुओं पर अत्याचार निर्धारित मात्रा से अधिक गन्ना लादकर कोडो की मार बनखेड़ी। प्रतिवर्ष अनुसार पश

खुले आम हो रहा पशुओं पर अत्याचार

निर्धारित मात्रा से अधिक गन्ना लादकर कोडो की मार

बनखेड़ी। प्रतिवर्ष अनुसार पशुओं पर अत्याचार फिर प्रारंभ हो चुका है, ज्ञात हो अन्य प्रदेशों से क्षेत्र में आए हुए लोगों द्वारा शुगर मिल के लिए बैल गाड़ी द्वारा गन्ना ढुलाई का कार्य किया जाता है,  गाड़ी में अत्यधिक मात्रा में गन्ना भरकर, बैलों पर कोडे एवं डंडों की भारी मार की यातनाएं दी जाती है, यह सीन देखकर आम लोगों की रूह काँप जाती है,, लेकिन यह पशु क्रूरता शायद प्रशासन को दिखाई नहीं देती? देखने में मिल रहा है, शुगर मिलो के लिए अन्य प्रदेशों से आए लोगों द्वारा बैलगाड़ी में भारी मात्रा में गन्ना  लादकर ढुलाई कार्य किया जा रहा है, देखा जाता है इन लोगो द्वारा अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने के उद्देश्य से गाड़ी में अत्यधिक गन्ना भरकर बैलों पर कोडे एवं डंडों की बौछार की जाती है, जिससे मूक पशुओं के शरीर पर कोडो के निशान अलग नजर आते हैं, इसे देखकर अन्दाज लगाया जा सकता है कि मूक पशु कितनी यातनाएं झेलते हैं, यह स्थिति किसी से छिपी नहीं है, इसके बाद भी प्रशासन द्वारा यह नजर अंदाज किया जाता है, जिसके चलते पशुओं पर अत्याचार करने वाले लोगों के हौसले बुलंद हैं। वही देखा जाय तो दिन भर बैलों को गाड़ियों मे जोतकर खाने के नाम पर सिर्फ गन्ने के छिलके (बड्डुआ) ही दिया जाता है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह लोग मानो बैलों की जान लेने पर तुले हो,, यह पशु क्रूरता का खेल खुले आम जारी है, प्रशासन आखिर कार्यवाही से बचता क्यों है?

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