तस्वीर है यूपी के लखनऊ की है. जिस शख़्स का गला दबाकर पुलिस अधिकारी ले जा रहे, वह शिक्षक बनने योग्य है और अपने हक़ के लिए
तस्वीर है यूपी के लखनऊ की है. जिस शख़्स का गला दबाकर पुलिस अधिकारी ले जा रहे, वह शिक्षक बनने योग्य है और अपने हक़ के लिए एक लोकतांत्रिक देश में नागरिक होने का कर्तव्य निभाते हुए लड़ने गया था. उसे यह मिला. क्या यह दृश्य आपको बेचैन कर रहा है? क्या ऐसा करने वालों को बख़्श देंगे आप?