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रांची। जेपीएससी मामले पर बार-बार सदन में नेताओं का हंगामा होता रहा। कार्यस्थगन भी लाया गया। 12.30 बजे सदन की कार्रवाई शु

रांची। जेपीएससी मामले पर बार-बार सदन में नेताओं का हंगामा होता रहा। कार्यस्थगन भी लाया गया। 12.30 बजे सदन की कार्रवाई शुरू हुई लेकिन विधायक जेपीएससी मामले पर हेमंत सोरेन का जवाब मांग रहे थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब में कहा कि पूरे देश में इतने बड़े पैमाने पर किसी पब्लिक सर्विस कमीशन में छात्र हिस्सा ले रहे हैं। पहली बार पीटी में बड़े पैमाने पर आदिवासी, दलित और पिछड़े छात्र चुन कर सामने आये हैं। जेपीएससी की परीक्षा आयोग की तरफ से ली गयी है। इसमें सरकार का कहीं से भी हस्तक्षेप नहीं है। ये कहीं से भी साबित नहीं होता। आदिवासी, दलित और कमजोर बच्चे जेपीएससी के पीटी एग्जाम में चुनकर आए हैं इसलिए मनुवादियों के पेट में दर्द हो रहा है। भाड़े के लोगों से आंदोलन कराया जा रहा है।  विश्व हिंदू परिषद के लोगों को धरने पर बैठाया जा रहा है। बीजेपी ने 20 सालों तक झारखंड में राज्य किया लेकिन एक भी परीक्षा बिना विवाद के नहीं हुई।  इसके आगे सीएम हेमंत ने कहा कि मैं पुरानी बातों को कुरेदना नहीं चाहता, यह मेरा स्वभाव नहीं है।   मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रघुवर दास (पूर्व सीएम) कहते हैं कि जेपीएससी मामला गरमाया हुआ है। लेकिन, उन्हें जेपीएससी का मतलब भी नहीं पता। भाजपा की डबल इंजन की सरकार तो थी लेकिन, इंजन में कहीं कोई बोगी नहीं था।

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